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आशीष
March 25, 2021 • Dr. David Jeremiah
जैसे हम वचन के अद्भुत भाग का अध्यन कर रहे है, लेकिन सबसे उत्तम तो अब आगे है – परमेश्वर उन्हें सात आशीष देते हैं जो विश्वास पर सद्गुण, और उस पर समझ, और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति, और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति. और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम में बढ़ते जाते हैं, प्रभु उन महान लाभों को बताते हैं जो हमारे जीवन में आते है, जैसे हम इस तरह से मसीह के जैसे होने और मसीह का आदर करनेवाला जीवन जीते हैं, इन में से कुछ आशीषें अभी उपलब्ध हैं, इस जीवन में, और बाकि तो भविष्य में हैं, जब हम हमारे लिए परमेश्वर की उस अनन्तकाल की महान विरासत में प्रवेश करेंगे
निस्वार्थ प्रेम
March 18, 2021 • Dr. David Jeremiah
जैसे पतरस इन विशेषताओं को बताता है, हमें मसीह में बढ़ते हुए इन्हें बढ़ाना है, वह अपनी सूचि का अंत प्रेम से करता है, हमें बताता है कि भाईचारे की प्रीति के उपर प्रेम रखते जाओ, पतरस के मन में जो प्रेम था, वह यीशु मसीह के पृथ्वी के जीवन के अंतिम रात को प्रगट किया गया, वह अपने चेलों से मिलता है, और जब किसी ने उनके पैरों की धुल और मिटटी को निकालने के लिए उनके पैरों को धोना नही चाहा, तो उसने अपने प्रेम के स्वभाव को दर्शाने के लिए दास के वस्त्र पहनकर उस पर जोर दिया—जिसे वह दूसरों को दिखाना चाहते थे
महानता की करुणा
March 11, 2021 • Dr. David Jeremiah
1 पतरस 1:3-8 में, प्रभु हमें विजयी जीवन जीने के लिए, चरित्र की विशेषताओं के आठ गुण बताते हैं, भाईचारे की प्रीति इस सूचि में सबसे उपर है, सच में, यह अगापे प्रेम के पहले है, यह शब्द भाईचारे की प्रीति, यह ग्रीक शब्द फिलाडेल्फिया से लिया गया है, जिसका अर्थ भाईचारे की प्रीति है, पेन्सिल्वेनिया का फिलाडेल्फिया शहर का नाम, इसी ग्रीक शब्द से रखा गया है, जिसके फाउंडर विल्यम पेन्न थे, जो ऐसे किसी शहर को बनाना चाहते थे जिसमे लोग सच में एक दूसरे से प्रेम रखे, हम भाईचारे की प्रीति को कैसे बढाए? यह हमें इन वचनों में बताया गया है – इफिसियों 4:25-32 में
मसीह जैसे चरित्र
March 4, 2021 • Dr. David Jeremiah
हम गंदे संसार में रहते हैं, जो हमारे जीवन को शुद्ध रखने की चुनौतियों से भरा है, फिर भी पतरस हमें हमारे धीरज और हमें बढ़ानेवाले दूसरे गुणों के साथ भक्ति जोड़ने के लिए कहता है, भक्ति तो मसीह के जैसे होने की समानता में है, यीशु मसीह, परमेश्वर होकर भी, उसने हमें बताया कि इस पृथ्वी पर परमेश्वर जैसे कैसे जी सकते हैं, पहला पतरस की किताब हमें बताती है कि कैसे उसके कदमों पर चले, इसलिए हम 1 पतरस 2:९-12 में देखेंगे, कि जैसे हम अपने प्रभु यीशु मसीह के जैसे चलते हैं तो हम भक्ति के बारे में और जान ले
अटल निश्चय
February 25, 2021 • Dr. David Jeremiah
जीवन मुश्किलों, निराशा और परिश्रम से भरा है, बहुत से लोग नही जानते है कि चिकनी चुपड़ी बटन के बिना कैसे आगे बढ़े, और बहुत से लोग कम से कम विरोध का मार्ग चुनते हैं, लेकिन जब परमेश्वर की सामर्थ ने हमें भक्तिपूर्ण जीवन जीने के लिए सबकुछ दे दिया है, तो हम में धीरज बढ़ाने की श्रमता है, ये पतरस आठ भागों की चरित्र विशेषता में से एक है, जो 2 पतरस 1:3-8 में बताए गए हैं, धीरज के लिए परमेश्वर पर भरोसा रखने की जरूरत होती है, लेकिन इसके लिए परिपक्वता का समर्पण चाहिए, जैसे हम धीरज बढाते जाते हैं, तो हम इन महत्वपूर्ण कदमों को उठा सकते हैं, लेकिन यह सारी क्रिया अपनी आँखें यीशु मसीह पर लगाए रहने पर आधारित होती है
व्यक्तिगत अनुशासन
February 18, 2021 • Dr. David Jeremiah
पतरस के गुणों की सूचि में, वो हमें कहता है कि हमारे जीवन के इन साधनों में हमें संयम जोड़ना चाहिए (2 पतरस 1:6), संयम न रखनेवाला मनुष्य बिना शहरपनाह के जैसे होता है, जिसे शत्रु कभी भी अपनी मर्जी से आकर लुट सकता है, लेकिन जो पवित्र आत्मा के नियन्त्रण में होता है वह भी संयम सीखता है, क्योंकि पवित्र आत्मा हमारे सब गुणों में व्यक्तिगत अनुशासन जोड़ना चाहता है, यह ये प्राथमिकता के योग्य है, यह परिपक्वता दिखाता है, यह हमारे अनुशासन को गहरा बनाता है, और यह उन के लिए उपलब्ध है जो इस गुण को प्राप्त करने के लिए अर्थ पूर्ण काम करते हैं
मानसिक गौर
February 11, 2021 • Dr. David Jeremiah
पतरस अपनी दूसरी पत्री इस तरह कहते हुए शुरू करता है, परमेश्वर ने हमें भक्तिपूर्ण जीवन जीने के लिए सबकुछ दे दिया है, लेकिन हमें भक्ति का उपयोग करने के लिए परिश्रम करना चाहिए, इसे करने का एक तरीका है कि हम अपने गुणों में ज्ञान को जोड़ते चले जाए, इसका हमारी बुद्धिमत्ता से कोई संबन्ध नही है, इसका अर्थ है कि हम यीशु के पीछे चलकर उससे सीखना चाहते हैं, और उसकी शिक्षा की आज्ञा मानना चाहते हैं, उसके बारे में जानना, उसे जानना, और हर दिन उसके मार्गों को बेहतर तरह से जानते जाना
नैतिक उत्तमता
February 4, 2021 • Dr. David Jeremiah
2 पतरस 1:3-8 के अनुसार, सुभक्ति के लिए परमेश्वर ने हमें सबकुछ दे दिया है, उसने हमें बहुतसी सामर्थी प्रतिज्ञाएँ दी है, जैसे हम उनमें काम करते हैं, हमें कुछ गुणों पर इमानदारी से काम करना है, जिसे वह हमारे जीवन में देखना चाहते हैं, इसमें से एक सदगुण है – परमेश्वर को प्रसन्न करने को खोजने की विशेषता, यीशु मसीह ने हम मौके पर परमेश्वर को प्रसन्न किया, हमें भी ऐसा ही करने की कोशिश करनी चाहिए, 1 थिस्सलुनीकियों हमने बताता है कि इसे कैसे करे
विश्वास की मांसपेशी
January 28, 2021 • Dr. David Jeremiah
पतरस दूसरी पत्री की शुरुवात हमें इस तरह से बताते हुए करता है, की हमारे जीवन और सुभक्ति के लिए जो कुछ चाहिए वह सब परमेश्वर ने हमें दे दिया है, और उस तरह के जीवन के लिए महान और अनमोल प्रतिज्ञाओं के द्वारा उसने हमें सामर्थ दी है, हम इस क्रिया के अचेत भाग नही हैं, हमें जानबुझकर ऐसे गुण बनाने होंगे जो मसीह का आदर करें और हमने उसके जैसे अधिक बनाते चले जाए, पतरस हमने बताता है कि हमें विश्वास के साथ सद्गुण, ज्ञान, संयम, धीरज, सुभक्ति, भाईचारा, और प्रेम मिलाना है, इस पाठ में हम सद्गुण पर गौर कर रहे हैं, अपने पूरे दिल से काम करते हुए मसीह की समानता में बढ़ना है
प्रतिज्ञा
January 21, 2021 • Dr. David Jeremiah
दबाव और भ्रष्टता के इस संसार में, परमेश्वर के पास अपनी सन्तानों को बताने के लिए कुछ अद्भुत है, कि उसकी सामर्थ ने हमें भक्तिपूर्ण जीवन जीने के लिए जो भी जरूरी है वो सबकुछ दे दिया है, परमेश्वर ने हमें इस सामर्थ के बारे में बताया है अपने बहुत है अद्भुत और अनमोल प्रतिज्ञाओं के द्वारा, जो हम पूरी बाइबल में पाते हैं, इन प्रतिज्ञाओं के द्वारा इस सामर्थ में जुड़ जाने के द्वारा हम उसके ईश्वरीय स्वभाव में भागी सकते हैं, मसीह के जैसे हो सकते हैं, और हम संसार की अभिलाषा की भ्रष्टता से बच सकते हैं