विचार ही है जो मायने रखता है | जब कोई अच्छी भावनाओं के साथ अपने अभिप्रेत उद्देश्य से नहीं आता है तो यही बात हम अपने आप से कहते हैं | और जैसे कि हम सभी पापी हैं और असफलता के लिए प्रवृत है, अकसर हम मदद करने की कोशिश में मामला को और गंभीर बना देते हैं | अय्यूब के मित्र एलिपज के साथ भी निश्चित रूप से यही बात है | एक आत्मिक परिस्थिति के लिए सांसारिक बुद्धि का उपाय देने की कोशिश में एलिपज़ सिर्फ अपने मित्र के घावों पर नमक उंडेलता है |
दुखितों कि सहायता करना
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August 13, 2024 • Dr. David Jeremiah
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