क्योंकि हम ये कभी नहीं जानते हैं कहाँ किसी दिन की यात्रा ले जाएगी, हम नहीं जानते कहाँ हमारा अन्त होगा| अकसर हमारे रास्ते का अंत वो अनचाहा निवास है जो "समझ से परे" नाम से जाना जाता है - हताशा और भ्रम की एक जगह | सौभाग्य से, हम खोज पते हैं कि परमेश्वर हम से आगे पहुँच गए हैं |
जब सब कुछ आपकी समझ से परे होता है
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October 29, 2024 • Dr. David Jeremiah
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प्रयत्न, परखना और विजय